दिव्या के साथ हुए बलात्कार का ज़िम्मेदार पूरा हिंदू समाज है क्योंकि हम ग़लत ख़बरें खूभ साझा करते है किंतु सही ख़बर नहीं क्योंकि दिव्या के लिए किसी सोनम कपूर और करीना खान ने ट्वीट नहीं किया। दोगली मीडिया के मुँह में बवासिर हो गया है। सेक्युलर गैंग मानवता के चोले को निकाल नंगा वामपंथी बनकर लापता है और कैंडल मार्च वाला गैंग गहरी नींद में है क्योंकि पीड़ित के परिवार और मासूम बच्ची की आवाज़ उसके कानो तक नहीं पहुँची.....
लेकिन फ़िक्र मत कीजिए बच्ची के साथ उसके परिवारजन एवं पूरे भारत वर्ष के राष्ट्रवादी लोग है। आरोपी को फाँसी मिलकर ही रहेगी
भारत के सेक्युलर लोगों नींद से जागिए और आवाज़ बुलंद कीजिए ऐसा ना हो कि कल को आपको अपनी बच्ची को इंसाफ़ दिलाने के लिए उसका नाम आसिफ़ा ना रखना पड़ जाए.....
मेरी बात को गम्भीरता से लें और यह हम सबके लिए एक खुली चेतावनी है।
जो लोग यह समझ रहे है की मैं इसको धार्मिक रंग दे रहा हूँ तो अपने मुँह से कुछ निकालने से पहले मेरे सवालों के जवाब ख़ुद अपने आप कोदो शायद सोया ज़मीर ज़िन्दा हो जाए
भारत के सेक्युलर लोगों नींद से जागिए और आवाज़ बुलंद कीजिए ऐसा ना हो कि कल को आपको अपनी बच्ची को इंसाफ़ दिलाने के लिए उसका नाम आसिफ़ा ना रखना पड़ जाए.....
मेरी बात को गम्भीरता से लें और यह हम सबके लिए एक खुली चेतावनी है।
जो लोग यह समझ रहे है की मैं इसको धार्मिक रंग दे रहा हूँ तो अपने मुँह से कुछ निकालने से पहले मेरे सवालों के जवाब ख़ुद अपने आप कोदो शायद सोया ज़मीर ज़िन्दा हो जाए
निर्भया कांड के अफ़रोज़ को नाबलिक कह कर क्यों बचाया???
उसको सिलाई मशीन क्यों दी???? इसलिए ताकि और अफ़रोज़ पेदा हो?????
इतिहास गवाह है हम कभी किसी वारदात को धार्मिक रूप नहीं देते बलात्कारी बलात्कारी है उसको कोई धर्म नहीं किंतु केजरीवाल जैसे मौक़ाफ़रोश नेताओ ने और बरखा दत्त, रविश,राजदीप,सागरिका, और राणा आयुब जसे पत्रकारों ने बलात्कार को धार्मिक रूप दिया है। क्योंकि इनकी आवाज़ बलात्कारीयो के ख़िलाफ़ नहीं उठती इनकी आवाज़ धर्म देखकर उठती है, जिसकी वजह मासूम आसिफ़ा
जैसे मुस्लिम लड़कियाँ शिकार बनती है और उनके असली गुनहगारो को छुपा लिया जाता है।
हम राष्ट्रवादी लोग ज्योति उर्फ निर्भया के पाँचो बलात्कारियों के ख़िलाफ़ थे चाहे रामसिंह हो या अफ़रोज़ किंतु केजरीवाल और इन दोगली मीडिया को सिर्फ़ मासूम अफ़रोज़ नज़र आया जिसने सबसे ज़्यादा दरिंदगी करी थी और ज्योति के रोड घुसाई थी वो अफ़रोज़ आज आप सबके बीच कही है और हम जानते तक नहीं इसका ज़िम्मेदार कौन है यह बताने की ज़रूरत नहीं अब फ़ैसला आपके हाथ है इसलिये आवाज़ बुलंद कीजिए वरना ज्योति,गुड़िया, पूजा दिव्या के साथ रोज़ बलात्कार होते रहेंगे और वो यूँ ही रोज़ मरती रहेंगी यदि बच भी गयी तो सिवाए एक ज़िंदा लाश के और कुछ नहीं होंगी क्योंकि उसके खोफ को हम चाह कर भी मिटा ना पाएँगे और तब आपके पास अफ़सोस करने के लिए कुछ नहीं बचेगा
उसको सिलाई मशीन क्यों दी???? इसलिए ताकि और अफ़रोज़ पेदा हो?????
इतिहास गवाह है हम कभी किसी वारदात को धार्मिक रूप नहीं देते बलात्कारी बलात्कारी है उसको कोई धर्म नहीं किंतु केजरीवाल जैसे मौक़ाफ़रोश नेताओ ने और बरखा दत्त, रविश,राजदीप,सागरिका, और राणा आयुब जसे पत्रकारों ने बलात्कार को धार्मिक रूप दिया है। क्योंकि इनकी आवाज़ बलात्कारीयो के ख़िलाफ़ नहीं उठती इनकी आवाज़ धर्म देखकर उठती है, जिसकी वजह मासूम आसिफ़ा
जैसे मुस्लिम लड़कियाँ शिकार बनती है और उनके असली गुनहगारो को छुपा लिया जाता है।
हम राष्ट्रवादी लोग ज्योति उर्फ निर्भया के पाँचो बलात्कारियों के ख़िलाफ़ थे चाहे रामसिंह हो या अफ़रोज़ किंतु केजरीवाल और इन दोगली मीडिया को सिर्फ़ मासूम अफ़रोज़ नज़र आया जिसने सबसे ज़्यादा दरिंदगी करी थी और ज्योति के रोड घुसाई थी वो अफ़रोज़ आज आप सबके बीच कही है और हम जानते तक नहीं इसका ज़िम्मेदार कौन है यह बताने की ज़रूरत नहीं अब फ़ैसला आपके हाथ है इसलिये आवाज़ बुलंद कीजिए वरना ज्योति,गुड़िया, पूजा दिव्या के साथ रोज़ बलात्कार होते रहेंगे और वो यूँ ही रोज़ मरती रहेंगी यदि बच भी गयी तो सिवाए एक ज़िंदा लाश के और कुछ नहीं होंगी क्योंकि उसके खोफ को हम चाह कर भी मिटा ना पाएँगे और तब आपके पास अफ़सोस करने के लिए कुछ नहीं बचेगा
उत्तराखंड दर्शन
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